सांसों के तहखाने

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खिलौने दर्द के खुशियों के खजाने में आ गये, आज हम भी तेरी नज़रों के निशाने में आ गए, मैंने कश्ती अभी- अ

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अरुन शर्मा 'अनन्त'

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