कुछ एं वें ही..

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---Riot--- इक आक्रोशित भीड़ सी जमा कर रखी है, अपने भीतर.. और एक निहत्था, दबा, कुचला इंसान भी, आज भीतर दंगे ह

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Pankaj Upadhyay

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