तो कुछ बात बने.. ( Final Part )

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ना जाने कब से दिल की दिल में लिए बैठा हूं, कोई तो हो जो उगलवाए, तो कुछ बात बने.. जो हो रक़ीब-सुखनवर मेर

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Aditya Singh

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