रोकता है गम-ए-इज़हार से पिन्दार मुझे

16

One more gem from Mustafa Zaidi रोकता है गम-ए-इज़हार से पिन्दार मुझे मेरे अश्कों से छुपा ले मेरे रुखसार मुझे

Read this post on yaadein.in


Yashwant

blogs from Hyderabad