हिंदी ब्लॉग्गिंग में आया ठहरा
जब से सोशल नेट्वर्किंग साईट्स विशेषकर फेसबुक व् व्हाट्स अप ने लोगों की ज़िंदगी में पैठ बनाई ब्लॉग्गिंग तो मानो पार्श्व में चली गयी | हिन्दी ब्लॉग्गिंग जो अभी अपने पहले दशक में ही , जाने कितने संकलकों (aggregetors)को दम तोड़ते हुए देखा , लोग बाग़ आते गए लिखते गए और छोड़ते गए , कहीं पर कमाई न होने का बहाना , कहीं पाठकों की उपेक्षा की शिकायत , यानि कुल मिला कर सबने ब्लॉग्गिंग को विशेषकर हिंदी ब्लॉग्गिंग को उसके हाल पर छोड़ दिया | और फिर जो हिंदी ब्लॉग्गिंग पहले से ही बिखरी सिमटी चल रही थी वो तुरंत हलकान हो बैठी | अब बाज़ारों में स्मार्ट फोन्स के आ जाने से हिंदी का बाज़ार भी बढ़ा है | सैकड़ों एप्स से मोबाईल स्टोर भरे पड़े हैं ऐसे में यदि हिंदी ब्लॉग्गिंग को वर्गीकृत विषयवार ब्लॉग्गिंग वो भी विशुद्ध व्याव्य्सायिक रूप में तो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में हालत इससे बहुत बेहतर होने की उम्मीद की जा सकती है |
Reason: ..
Sharing blog URL is what invites the ire of IndiPolice.
@Haidar Khan If you think you're gaining anything by sharing your blog link despite being asked not to, you really need to say sorry and refrain from such activities.
Hi RioZee. I wasn't doing any "direct attack". I had just told him not to post links earlier. I reported earlier post to admin.
anyways i hear u
oh is it so ...I was not aware ..and how cant it be done ...I mean removal ??
Ajay , it wasn't for u :) it was for the above person who posted a blog link in forum
Ji Aapne bilkul sahi farmaya Main bhi ek hindi blogger hu aur blogging, wordpress, seo aur internet tips tricks likhta hu.
Aap sab mere blog ko visit karke apni ray dijiye onlinehindiguide.com
आपका स्वागत है मित्र हैदर खान | निश्चित रूप से आपके प्रयासों से हिंदी ब्लॉग्गिंग समृद्ध होगी |
Repeated offense. @DS. @Renie, @IB Admins already warned him of shameless self promoting threads
This is even more direct.. pls remove such members
हिंदी ब्लॉगिंग में आना एक बहुत बड़ी बात है। इसमें से निराश होकर चले जाना भी कोई बड़ी बात नहीं। निराश होकर ब्लॉगिंग से दूर जाना केवल हिंदी के साथ नहीं। अंग्रेजी में ब्लॉगिंग करने वाले भी छोड़ जाते हैं जब उन्हें कमाई होती नहीं दिखती। सत्य यह है कि ब्लॉगिंग एक भाषा पर निर्भर नहीं -- इसके लिए एट्टीट्यूड चाहिए -- भाषा पर नियंत्रण चाहिए -- डेडिकेशन चाहिए -- जो लोग ब्लॉगिंग ईनाम, पैसा, और गिफ्ट्स के लिए करते हैं वो ही और रास्तों की तलाश करते हैं।
आपने बिलकुल सही और सटीक आकलन कर दिया अरविंद जी , अलबत्ता अब स्थति बदल जरूर रही है लेकिन अब भी व्यावसायिकता की घोर कमी तो है ही ...चलिए हम आप तो हमकदम हैं ही
पढने और प्रतिक्रिया देने के लिए आभार मित्र
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