यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ /

जब से श्वासों का फिर से न आना हुआ  

ख़त्म जीवन का तब से तराना हुआ /

इस कदर चाहता मेरा दिल है तुझे  

हार कर तेरा ही अब खजाना हुआ / 

भूल कर बेवफ़ा हो गया अजनबी   

जब से गैरों के घर आना जाना हुआ /

जो किया सामना है दुखों का अभी   

यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ /

तोड़ना अब न विश्वास तुम फिर कभी 

दिल हमारा है सबका निशाना हुआ / 

बेटियाँ हो विदा मायके से गईं   

पति का घर भी न लेकिन ठिकाना हुआ /

जोड़ता यूँ है किसके लिए आदमी 

खाली ही हाथ जग से रवाना हुआ /

जोड़ता यूँ है किसके लिए आदमी 

खाली ही हाथ जग से रवाना हुआ 

 

Replies 1 to 1 of 1 Ascending
CyberKID
CyberKID
from India
10 years ago

Ms. Sarita, you have posted your blog post on the forum. You can use IndiVine to promote your posts. As per the forum rules, this is now allowed. Kindly do not repeat this.

This is now allowed? Tongue out

CyberKID
from India
10 years ago

I don't think so. seems all the IP's are on vacation. Undecided


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