कृपया मेरे ब्लॉग के बारे में अ
एक खोज अपने यथार्थ को पाने की, जो शायद इन्हीं हांड-मांस के जंगलों के बीच ,जहाँ भोतिकता की घनी झाड़ियाँ उग आयीं हैं ,कहीं छिप गया है|आज हमारी संस्कृति की जड़ों को भौतिकता के दीमक खोखला कर रहें हैं,लेकिन सांसारिकता की चादर ओढ़े हम अपने समाज पर लगे इन घावों को नहीं देख पा रहे हें , यह ब्लॉग मेरा एक प्रयास है अपने पाठकों को अपने चश्मे से उस व्याधित दुनिया को दिखाने का....